AI से बढ़ रहा है लोगों की नौकरियों पर खतरा, कहीं आपकी नौकरी भी तो खतरे में नहीं
आज के समय में हमारे देश में कई तरह की टेक्नोलॉजी आ चुकी है जिसके चलते इंसानों का काम धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है और उनके जगह रोबोट काम करने लग गए हैं। इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चर्चा में बने हुए हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चैट जीपीटी के आने के बाद से ही जनता के बीच में AI काफी तेजी से चर्चा का विषय बन गई है। आपको बता दे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लोकप्रियता आज के समय में काफी बढ़ गई है।
लेकिन इसका इस्तेमाल सालों से चला आ रहा है। अब यह रोजमर्रा की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इतना ही नहीं गूगल के सर्च सिस्टम से लेकर ओटीपी पर मूवी जेनरेशन तक हर जगह आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल देखने को मिलता है। कहीं ना कहीं इस आर्टिकल तक पहुंचने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है। वही AI का कुछ दुष्प्रभाव भी है जिससे लोग बेहद चिंता में है। अब यह इंसानों की नौकरियों पर खतरा बन चुके हैं।
इन नौकरियों पर मंडरा रहा है खतरा
अगर आप भी इस तरह की नौकरी करते हैं तो जान लीजिए कि आपकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक तरह का कंप्यूटर सिस्टम है जो इस तरह से काम करता है कि इंसानी दिमाग के बराबर होता है। आपको बता दे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वास्थ्य सेवा की परिवहन और मनोरंजन सहित अन्य उद्योगों को प्रभावित कर रहे हैं।
अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कोई भी इंसान मुश्किल से मुश्किल तस्वीर भी मिनट में बना सकता है जो लोग सालों तक चित्रकार और कला सिखते हैं उन लोगों का काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेकंड में कर देता है। ऐसे लोगों के रोजगार पर चोट पहुंचती है। आने वाले समय में यह भी दावा किया जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 300 मिलियन नौकरियों की जगह ले सकता है और जिन नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा है वह है गोदाम और विनिर्माण नौकरियां, ग्राहक सेवा, अनुसंधान और डेटा प्रविष्टि आदि।
इन लोगों को नहीं है कोई खतरा
आपको बता दे कि जिस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपना पैर पसार रहा है कई नौकरियां को इसे खतरा भी है तो वहीं कई लोग सेफ जोन में भी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई क्षेत्रों में कर्मचारियों से बेहतर काम कर रहा है। हालाँकि, अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ मानवीय हस्तक्षेप के बिना वह काम करना मुश्किल है। एआई अभी तक रचनात्मक क्षेत्रों से लेकर मानवीय भावनाओं से जुड़ी नौकरियों के साथ-साथ जटिल राजनीतिक और रणनीतिक नौकरियों तक सक्षम नहीं है। इनमें अन्य क्षेत्रों की तुलना में एआई का कम प्रभाव देखा गया है। इसमें शिक्षक, लेखक, संपादक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर शामिल हैं।