मां-बाप सावधान: बच्चों को ना खिलाए अधिक चॉकलेट, ज्यादा मीठा खाने वाले बच्चों को हो सकती है ये बीमारी
चॉकलेट तो हर किसी को पसंद होता है। अब वह चाहे बच्चा हो या फिर बूढ़ा लेकिन आपको चॉकलेट भी सोच समझ कर खानी चाहिए। अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चों को चॉकलेट और चॉकलेट से बनी चीजे खाना बेहद ही पसंद होता है। अगर आपका बच्चा भी हद से ज्यादा चॉकलेट खा रहा है, तो ऐसे में आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि चॉकलेट में लेड और केडियम जैसे हानिकारक तत्व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। यही कारण है कि चॉकलेट खाना बच्चों के लिए बेहद हानिकारक होता है क्योंकि चॉकलेट में कैफीन और शर्करा बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप भी चॉकलेट खाने के शौकीन है तो ध्यान रखें कि इससे हाई बीपी, डायबिटीज, किडनी फेल मोटापा और दिमाग से जुड़ी समस्याएं भी जुड़ी होती हैं।
हो सकती है कैंसर जैसी बीमारी
चॉकलेट खाना बेहद ही खतरनाक होता है। अगर आप या आपका बच्चा हद से ज्यादा चॉकलेट खा रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि चॉकलेट में लेट और केडियम जैसे धातु की मात्रा अधिक होती है जो कि हमारी किडनी पर असर करती है। बीमारी का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अगर आप बहुत अधिक मात्रा में चॉकलेट खा रहे हैं, तो आपको सावधान रहना चाहिए नहीं तो लंबे समय तक आपके शरीर को नुकसान पहुंचेगा। केडियम खाने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं फेफड़े और लीवर को भी नुकसान पहुंचता है।
बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल
आपको बता दे की चॉकलेट में कैफीन और शुगर होता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अगर आप अधिक मात्रा में चॉकलेट खाते हैं तो आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है। ऐसे में आपको अपने बच्चे या फिर अगर आप भी चॉकलेट खाते हैं तो आपको सावधान रहना चाहिए। अगर आप चॉकलेट खाने के इतने ही शौकीन है, तो कभी आपको महीने में एक बार ही इसका सेवन करना चाहिए।
नींद पर असर
अगर आप चॉकलेट खाते हैं तो इसका सीधा असर नींद पर जाता है। चॉकलेट खाने से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे नींद आने में दिक्कत होती है। नींद की कमी से बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ता है। पर्याप्त नींद न मिलने पर बच्चे चिड़चिड़े और उदासीन रहते हैं। उनकी याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए, माता-पिता को बच्चों को रात में चॉकलेट खाने से रोकना चाहिए और नींद के सही पैटर्न को बनाए रखने का ध्यान रखना चाहिए। इससे बच्चों के मानसिक विकास में मदद मिलेगी।