अब ATM से मिलेगा राशन, बिना लाइन जब चाहें अनाज पाएं, बस लगाएं अंगूठा और उठाएं अपने हिस्से का अनाज

भारत सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए अन्नापूर्ति एटीएम राशन मशीन एक अभिनव समाधान है। यह मशीन स्वचालित तरीके से राशन वितरण करती है, जिससे लाभार्थियों को उनका निर्धारित अनाज बिना किसी देरी या भ्रष्टाचार के मिलता है। इसे “ग्रेन एटीएम” के नाम से भी जाना जाता है, और यह विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और भारत सरकार के सहयोग से विकसित किया गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
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बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण – आधार कार्ड या राशन कार्ड के माध्यम से सत्यापन, जिससे धोखाधड़ी रोकी जा सकती है।
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मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट – विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के लिए सुविधाजनक इंटरफ़ेस।
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रीयल-टाइम मॉनिटरिंग – पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वितरण का डेटा रिकॉर्ड होता है।
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सटीक मात्रा में वितरण – मशीन लाभार्थी के हक के अनुसार अनाज (चावल, गेहूँ आदि) नापकर देती है।
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ऑफ़लाइन कार्यक्षमता – कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम करती है।
कैसे काम करती है अन्नापूर्ति एटीएम मशीन?
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प्रमाणीकरण – लाभार्थी अपना आधार या राशन कार्ड स्कैन करते हैं और फिंगरप्रिंट से पहचान सत्यापित करते हैं।
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अनाज का चयन – अपनी पात्रता के अनुसार अनाज का प्रकार और मात्रा चुनते हैं।
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स्वचालित वितरण – मशीन सही मात्रा में अनाज निकालकर देती है, जिससे कोई गड़बड़ी नहीं होती।
अन्नापूर्ति एटीएम मशीन लाभ:
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भ्रष्टाचार में कमी – मैन्युअल वितरण में होने वाली गड़बड़ियाँ खत्म होती हैं।
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24×7 उपलब्धता – लाभार्थी किसी भी समय राशन ले सकते हैं।
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कम बर्बादी – स्वचालित प्रणाली से अनाज की बर्बादी कम होती है।
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ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच – दूरदराज के इलाकों में भी पारदर्शी राशन वितरण संभव होता है।
अन्नापूर्ति एटीएम राशन मशीन भारत में खाद्य सुरक्षा और डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह तकनीक गरीबों तक सही मात्रा में अनाज पहुँचाकर “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत को साकार कर रही है। सरकार द्वारा इसे और अधिक राज्यों में लागू करने की योजना है, जिससे भारत का राशन वितरण तंत्र और अधिक कुशल बनेगा।