रक्षाबंधन 2025: राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, भद्रा और जानें पूजा विधि

भारत। सावन की पूर्णिमा का पावन पर्व रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक है, जहाँ बहनें भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बाँधकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई जीवनभर सुरक्षा का वचन देते हैं।
शुभ मुहूर्त विवरण:
-
प्रमुख समय: सुबह 05:35 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक (सर्वाधिक शुभ अवधि)।
-
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक (सभी कार्यों में सिद्धिदायक)।
-
प्रदोष काल: शाम 07:19 बजे से रात 09:24 बजे तक (उत्तर भारत में विशेष महत्व)।
विशेष संयोग:
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस वर्ष भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा। अतः पूरे दिन किसी भी समय राखी बाँधना शुभ माना गया है, जो दुर्लभ खगोलीय संयोग है।
पूजन विधि का संक्षिप्त क्रम:
-
थाली सज्जा: चौकी पर रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, राखी और जल से भरा कलश रखें।
-
आरती: बहन द्वारा भाई की आरती उतारने के साथ पूजन प्रारंभ होगा।
-
तिलक: माथे पर रोली-अक्षत का तिलक लगाकर शुभकामनाएँ देना।
-
रक्षासूत्र बंधन: दाएँ हाथ की कलाई पर राखी बाँधते हुए मंत्र बोलें:
“येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।” -
प्रसाद: राखी बाँधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएँ और भाई द्वारा बहन को उपहार व आशीर्वाद देना।
महत्वपूर्ण सुझाव:
-
पूजन के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
-
रेशमी या सूती डोरी वाली राखी को प्राथमिकता दें।
-
भाई के अनुपस्थित रहने पर चंद्रोदय के समय राखी भेजना शुभ माना जाता है।