रिटायरमेंट आय 70 लाख प्रॉपर्टी मिली 5 करोड़: रिटायर अधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की काली कमाई का खुलासा
मध्य प्रदेश में काली कमाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को उज्जैन में जिला सहकारी बैंक के एक रिटायर अधिकारी अनिल सुहाने के आवास पर छापेमारी की। इस छापेमारी में पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जो उनकी वैध आय से कई गुना अधिक है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान अनिल सुहाने के घर से पांच लाख रुपये नकद बरामद किए। इसके अलावा, तलाशी में दो प्लॉट, एक बंगला, दो दुकानें, और तीन लग्जरी कारों के साथ ही बड़ी संख्या में ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान का पता चला। अधिकारियों के अनुसार, सुहाने की पूरी नौकरी के दौरान वेतन से अर्जित आय करीब 70 लाख रुपये होनी चाहिए थी। लेकिन उनकी संपत्ति का आंकलन इससे कहीं अधिक है।
रिटायरमेंट के तुरंत बाद हुई कार्रवाई
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने सुहाने के तीन बैंक लॉकर खोले, जिनसे करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ। इसके अलावा, कई अन्य बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों का भी पता चला है। अधिकारियों ने बताया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है और जैसे-जैसे अन्य लॉकर और दस्तावेजों की जांच होगी, संपत्तियों का मूल्य और बढ़ सकता है। अनिल सुहाने ने 31 दिसंबर 2024 को सहायक प्रबंधक पद से रिटायरमेंट लिया था। रिटायरमेंट के महज 18 दिन बाद ही ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि सुहाने के खिलाफ लोन से जुड़े भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके आधार पर यह छापेमारी की गई। सुहाने ने अपनी नौकरी की शुरुआत 1992 में मात्र 3000 रुपये प्रति माह के वेतन से की थी। हालांकि, उनकी वर्तमान संपत्ति और जीवनशैली उनके वेतन के अनुरूप नहीं थी, जिसके चलते उन पर शक गहराता गया। ईओडब्ल्यू को उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं, जिनमें लोन मंजूरी में भ्रष्टाचार और अनुचित लाभ कमाने के आरोप शामिल थे।
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अब तक क्या-क्या मिला?
नकद: 8 लाख रुपये
प्लॉट: 2 व्यावसायिक भूखंड
बंगला और दुकानें: एक बंगला, दो दुकानें
लग्जरी कारें: तीन गाड़ियां
ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान: लाखों के आभूषण
बैंक लॉकर: तीन लॉकर खोले जा चुके हैं, अन्य की जांच जारी है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि सुहाने की संपत्तियों के वास्तविक मूल्य का आंकलन अभी बाकी है। इसके अलावा, उनके बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों की गहनता से जांच की जा रही है। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि उनके खिलाफ और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
काली कमाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मध्य प्रदेश में ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही यह कार्रवाई राज्य सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का हिस्सा है। राज्य में काली कमाई और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर सख्ती से नज़र रखी जा रही है। हाल की इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों में सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति जारी रहेगी। अनिल सुहाने के खिलाफ हुई इस छापेमारी ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच एजेंसियों की तत्परता और सख्ती ने यह संदेश दिया है कि सरकारी पदों पर रहते हुए काली कमाई करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ईओडब्ल्यू की यह कार्रवाई आने वाले समय में और भी खुलासे कर सकती है।