भारत में सबसे बड़ी छापेमारी: 352 करोड़, ट्रकों में पैसे, नोट गिनने की 36 मशीन, 10 दिन चली रेड

भुवनेश्वर। आयकर विभाग ने ओडिशा में 10 दिनों तक चले अभूतपूर्व छापे के दौरान इतिहास रच दिया है। शराब निर्माता कंपनी बौध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े ठिकानों पर की गई यह कार्रवाई देश की सबसे बड़ी छापेमारी साबित हुई, जिसमें ₹352 करोड़ नकदी व अन्य संपत्तियाँ बरामद हुईं। यह ऑपरेशन अपने व्यापक दायरे, तकनीकी जटिलता और बरामदगी के मामले में विशेष रहा।
तकनीकी कुशलता का उदाहरण:
जमीन के अंदर दबे कीमती सामानों का पता लगाने के लिए विशेष स्कैनिंग व्हील मशीनों का इस्तेमाल। करीब 36 स्वचालित नोट-काउंटिंग मशीनों और कई बैंक कर्मचारियों की मदद से राशि की गिनती। बरामद नकदी को सशस्त्र गार्ड के साथ कन्वॉय में विभागीय कार्यालय पहुँचाया गया।
अधिकारियों को राष्ट्रीय सम्मान:
अगस्त में केंद्र सरकार ने इस ऐतिहासिक ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया। आयकर जांच निदेशक एस.के. झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में नया मानक स्थापित किया।
व्यापक प्रभाव:
यह छापा सरकार की अवैध संपत्ति व शराब माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बना। जमीन के नीचे छिपी संपत्तियों का पता लगाने में डिजिटल टूल्स के सफल प्रयोग ने भविष्य की जांचों के लिए रास्ता खोला। सम्मान समारोह के माध्यम से सरकार ने ईमानदार अधिकारियों को प्रोत्साहन देकर स्पष्ट संदेश दिया कि सत्यनिष्ठा का पुरस्कार मिलेगा।
इस ऑपरेशन ने आयकर विभाग की रणनीतिक क्षमता व तकनीकी कौशल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है, जिससे भविष्य में इसी तरह के बड़े छापों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।