बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता का 84 साल की उम्र में निधन, कलाकार चले गए, लेकिन उनके किरदार अमर रहेंगे
हिंदी सिनेमा के हास्य एवं चरित्र कलाकारों में एक विशेष स्थान रखने वाले गोवर्धन असरानी का 20 अक्टूबर 2025 को निधन हो गया। उम्र 84 वर्ष थी। लंबे समय से वे अस्वस्थ चल रहे थे और मुंबई के जुहू स्थित एक अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
असरणी का फिल्मी सफर करीब पाँच दशकों से भी आगे तक फैला हुआ था। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और कम‑अवधि में‑भी अपनी एक छाप छोड़ने वाले अभिनय से दर्शकों के दिल में विशेष जगह बनाई। उनका जाना इसलिए भी दुखद है क्योंकि वे न केवल एक हास्य अभिनेता थे बल्कि विभिन्न भाव‑भूमिकाओं में अपनी निपुणता दिखा चुके थे।
उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक थी 1975 की सुपरहिट फिल्म Sholay में “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं” संवाद के साथ जेलर का किरदार। उस भूमिका ने उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। इसके अलावा उनकी उल्लेखनीय फिल्में Chupke Chupke, Chhoti Si Baat, Rafoo Chakkar आदि भी हैं, जिनमें उन्होंने अपनी हास्य‑क्षमता और चरित्र‑गहराई दोनों दिखाईं।
उनकी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी उनकी इच्छा‑अनुरूप निजी रखी गई। उनके प्रबंधक ने बताया कि 15 दिन से अधिक समय से वे अस्वस्थ थे, अस्पताल में भर्ती थे और उन्होंने चाहा था कि अंत्यक्रिया सामान्य और जल्दी से हो जाए।
उनकी कमी हिंदी सिनेमा में एक युग के अंत का संकेत देती है। जहाँ एक ओर हम उनकी फिल्मों में हँसा करते थे, वहाँ अब उनकी स्मृति हमें उनके काम के पीछे छुपी मेहनत, सहज अभिव्यक्ति और कलाकार‑व्यक्तित्व याद दिलाएगी।
उनका जीवन और अभिनय दोनों हमें यह सिखाते हैं कि चरित्र‑समय छोटा हो सकता है, लेकिन प्रभाव स्थायी हो सकता है। गोवर्धन असरानी ने हमें यह दिखाया कि “कॉमेडी” सिर्फ हल्की‑फुल्की बात नहीं, बल्कि अभिनय‑साधना और पाठ‑समझ का ही परिणाम हो सकता है।
उनकी आत्मा को शांति मिले।