बिजली चोरी का पहला मामला: 87 हजार का जुर्माना, स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का पहला केस

छत्तीसगढ़ में बिजली चोरी के एक अनोखे मामले ने सभी का ध्यान खींचा है, जहां एक उपभोक्ता ने स्मार्ट मीटर में हेराफेरी कर बिजली चोरी की कोशिश की। यह राज्य में स्मार्ट मीटर के माध्यम से बिजली चोरी का पहला दर्ज मामला है, जिसमें दोषी उपभोक्ता पर 87,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बिजली चोरी का पहला मामला क्या हुआ था?
बिलासपुर जिले के एक उपभोक्ता ने स्मार्ट मीटर में तकनीकी छेड़छाड़ कर बिजली खपत को कम दिखाने की कोशिश की। हालांकि, स्मार्ट मीटर के एडवांस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम ने इस अनियमितता को तुरंत पकड़ लिया। बिजली विभाग की टीम ने जांच में पाया कि मीटर के सर्किट में बदलाव किया गया था, जिससे वास्तविक बिजली उपयोग की रीडिंग कम दर्ज हो रही थी।
क्या है स्मार्ट मीटर तकनीक?
स्मार्ट मीटर पारंपरिक बिजली मीटरों से अलग होते हैं, जो रियल-टाइम में बिजली की खपत की जानकारी कंट्रोल सेंटर तक पहुंचाते हैं। इनमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को स्वचालित रूप से पकड़ने की क्षमता होती है, जिससे बिजली चोरी करना मुश्किल हो जाता है।
बिजली चोरी का पहला मामला क्या हैं परिणाम?
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87,000 रुपये का जुर्माना (चोरी की गई बिजली की लागत + पेनल्टी)
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पुलिस केस दर्ज (भारतीय विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत)
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भविष्य में ऐसी घटनाओं पर और सख्त कार्रवाई की चेतावनी
बिजली विभाग की चेतावनी
छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “स्मार्ट मीटर तकनीक के आने से बिजली चोरी अब आसान नहीं रही। हमारे सिस्टम में हर अनियमितता पर नजर रखी जाती है। ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अभी भी पुराने तरीकों से बिजली चोरी करने की सोच रहे हैं। स्मार्ट तकनीक के इस दौर में बिजली चोरी न सिर्फ पकड़ी जा सकती है, बल्कि इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं।