1 August 2025 एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भारी कटौती, 120 रुपए सस्ती होगी रसोई गैस, जानिए नवीनतम दरें और प्रभाव

भारत में एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) सिलेंडर की कीमतें हर महीने बदलती हैं, जिसका सीधा असर घरेलू बजट पर पड़ता है। सरकार और तेल कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान, कर संरचना और सब्सिडी नीतियों के आधार पर इन दरों में संशोधन करती हैं। जुलाई 2025 में भी एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अपने खर्चों की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान एलपीजी सिलेंडर दरें (जुलाई 2025)
-
19 किग्रा वाणिज्यिक सिलेंडर: ₹1,800 से ₹2,100 तक (क्षेत्र और ब्रांड के अनुसार अलग-अलग)
-
14.2 किग्रा डोमेस्टिक सिलेंडर: ₹950 से ₹1,100 के बीच (सब्सिडी के बिना)
-
5 किग्रा सिलेंडर: ₹400 से ₹500 तक (छोटे परिवारों के लिए)
सब्सिडी वाले डोमेस्टिक सिलेंडर की कीमतें सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं, जबकि वाणिज्यिक और गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडरों के दाम बाजार के अनुसार उतार-चढ़ाव करते हैं।
क्यों बदलती हैं एलपीजी की कीमतें?
-
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम: एलपीजी की कीमतें वैश्विक कच्चे तेल बाजार से जुड़ी होती हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल महँगा होता है, तो एलपीजी के दाम भी बढ़ जाते हैं।
-
कर और सब्सिडी: सरकार समय-समय पर एलपीजी पर सब्सिडी घटा या बढ़ा सकती है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
-
परिवहन और भंडारण लागत: तेल कंपनियों को सिलेंडरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने में आने वाले खर्च भी कीमतों को प्रभावित करते हैं।
कैसे बचाएँ पैसे?
-
पीएम उज्ज्वला योजना का लाभ उठाएँ: गरीब परिवारों को मुफ्त या सस्ते दरों पर सिलेंडर मिलते हैं।
-
डायरेक्ट बुकिंग: ऑनलाइन बुकिंग और ऑटोमैटिक रिफिल सुविधा का उपयोग करके समय और पैसा बचाया जा सकता है।
-
सब्सिडी का सही उपयोग: सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सहायता का पूरा लाभ लें।
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर वैश्विक तेल बाजार स्थिर रहता है, तो एलपीजी की कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं आएगा। हालाँकि, मौसमी माँग और राजनीतिक हालात भी दामों को प्रभावित कर सकते हैं। सरकार ने हाल ही में कुछ राज्यों में सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
एलपीजी सिलेंडर की कीमतें भारतीय घरों के लिए एक बड़ा खर्च हैं, इसलिए नवीनतम दरों की जानकारी रखना जरूरी है। सरकारी योजनाओं और बचत के तरीकों का उपयोग करके इस खर्च को कम किया जा सकता है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय स्रोतों से कीमतों की जानकारी लेते रहें।