बिस्तर पर 60 करोड़ कैश: नोट देखकर अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गईं, कारोबारी के पास मिला 60 करोड़ का कैश
उत्तर प्रदेश के आगरा में आयकर विभाग की छापेमारी ने बड़े खुलासे किए हैं। जयपुर हाउस में रहने वाले रामनाथ डंग के यहां से आयकर विभाग को लगभग 60 करोड़ रुपये कैश, करोड़ों की पर्चियां और बेनामी संपत्तियों के कागजात मिले हैं। इस घटना ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। रामनाथ डंग कभी एक साधारण व्यवसायी थे, जिन्होंने आटे की चक्की से शुरुआत की थी। आज वे जूते के कारोबार और पर्चियों के लेन-देन में एक बड़ा नाम बन चुके हैं। रामनाथ डंग ने अपने करियर की शुरुआत आटे की चक्की से की थी। इसके बाद उन्होंने आगरा की मशहूर हींग की मंडी में शूज मटेरियल की दुकान खोली। यहां से उन्होंने व्यापार का विस्तार करते हुए पर्चियों के लेन-देन का काम शुरू किया। पर्चियों के कारोबार ने उन्हें करोड़ों की कमाई का जरिया बना दिया। आज वे हींग की मंडी में “पर्चियों के किंग” के नाम से जाने जाते हैं।
क्या होता है पर्चियों का कारोबार?
जूते के कारोबार में “पर्चियां” ब्लैक मनी के लेन-देन का एक साधन हैं। इसमें छोटे कारखानेदार या फैक्ट्री मालिक जूते का माल बड़े कारोबारियों को देते हैं, जिसके बदले उन्हें नकद भुगतान नहीं मिलता। इसके बजाय, पर्ची दी जाती है, जिसमें भुगतान की तारीख, फर्म का नाम, मालिक के सिग्नेचर और मुहर होती है। ये भुगतान तीन महीने के अंदर किए जाते हैं। यदि किसी को जल्दी पैसे की जरूरत होती है, तो वे इन पर्चियों को डिस्काउंट पर भुना सकते हैं। रामनाथ डंग ने इसी व्यवस्था में अपनी पकड़ मजबूत की। वे पर्चियां भुनाने के लिए 1-2% का कमीशन काटकर तुरंत नकद भुगतान कर देते थे। बाद में, जब पर्ची की अवधि पूरी होती, तो वे संबंधित फर्म से पूरा भुगतान वसूलते। इस प्रक्रिया ने उन्हें करोड़ों की संपत्ति का मालिक बना दिया।
आयकर विभाग की छापेमारी
आयकर विभाग की टीम ने रामनाथ डंग के 14 ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें जयपुर हाउस, हींग की मंडी, सुभाष पार्क, सिकंदरा, फतेहाबाद रोड और अन्य जगहें शामिल थीं। शनिवार सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में टीम को 60 करोड़ रुपये नकद, करोड़ों की पर्चियां, और सोने-चांदी के जेवरात मिले। छापेमारी के दौरान जब एक छोटी कोठी में इतनी बड़ी रकम देखी गई, तो अधिकारी भी दंग रह गए। कैश को गिनने के बाद बैंक की वैनों के जरिए सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। इसके अलावा, करोड़ों की बेनामी संपत्तियों के कागजात और सोने-चांदी में बड़े निवेश के सबूत भी बरामद किए गए। रामनाथ डंग के अलावा, हरमिलाप शूज कंपनी, बीके शूज कंपनी और मंशु फुटवियर के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई। यहां से भी आयकर विभाग को बड़ी मात्रा में कैश और पर्चियां मिलीं। इन कारोबारियों से जब पूछताछ की गई, तो वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
रामनाथ के पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई को सही ठहराया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके पड़ोस में इतना कैश रखा होगा। लोगों ने माना कि यह कार्रवाई मोदी सरकार के ब्लैक मनी के खिलाफ अभियान का हिस्सा है और सही दिशा में उठाया गया कदम है। सूत्रों का कहना है कि यह पैसा चुनाव से जुड़ा हो सकता है। चुनाव के दौरान डर की वजह से पैसों का आवागमन रुका हुआ था, और बड़ी मात्रा में कैश घर में जमा कर दिया गया था। चुनाव खत्म होते ही इसका इस्तेमाल शुरू होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही आयकर विभाग ने छापेमारी कर दी।