RTO constable Black Money: ईडी की छापेमारी में 12 लाख नकद, 9.9 किलो चांदी बरामद, कौन है मध्यप्रदेश का ये धनकुबेर
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार के मामले में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, और महाराष्ट्र के पुणे में बड़ी कार्रवाई की। 17 जनवरी को हुई इस छापेमारी में 12 लाख रुपये नकद, 9.9 किलोग्राम चांदी, डिजिटल उपकरण, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, और 30 लाख रुपये की बैंक राशि फ्रीज की गई। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की। ईडी ने भोपाल में नवोदय हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के घर सहित चार स्थानों पर छापेमारी की। इसके अलावा, ग्वालियर के मुरार कॉलोनी में भी चार अन्य स्थानों पर दबिश दी गई। भोपाल के इंद्रपुरी बी सेक्टर में डॉ. अग्रवाल के निवास और नवोदय कैंसर हॉस्पिटल के अलावा एमपी नगर स्थित अन्य संपत्तियों पर भी जांच की गई।
ईडी ने अपने बयान में बताया कि इस कार्रवाई के दौरान 12 लाख रुपये नकद, 9.9 किलोग्राम चांदी जिसकी कीमत लगभग 9.17 लाख रुपये है, और कई डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए। इन डिवाइसों में प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं, जिनसे सौरभ शर्मा और उनके साथियों की अवैध संपत्तियों का पता चला है। इसके साथ ही, 30 लाख रुपये की शेष राशि वाले बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। यह पहली बार नहीं है जब सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई हो। इससे पहले भी उनके भोपाल स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापा मारा था, जिसमें करीब 7.95 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली थी। आयकर विभाग की जांच में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। इसके अलावा, एक कार से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी का सुराग नहीं
ईडी और अन्य एजेंसियों की इस कार्रवाई से पहले ही सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी लापता हो गए थे। सौरभ के दुबई में होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन एजेंसियों को शक है कि वह अभी भी भारत में ही कहीं छिपा हुआ है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सौरभ दिल्ली या उसके आसपास के इलाके में हो सकता है। लोकायुक्त और ईडी की टीमों ने उनके ठिकानों से मिली संपत्तियों का मूल्यांकन किया है, जिसमें करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने छापेमारी के दौरान भोपाल के नवोदय कैंसर हॉस्पिटल और इससे जुड़े अन्य संस्थानों की भी जांच की। हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के खिलाफ भी अवैध लेन-देन के आरोप लगाए गए हैं। माना जा रहा है कि इस हॉस्पिटल का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया गया था।
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मनी लॉन्ड्रिंग का संगीन मामला
ईडी को छापेमारी के दौरान मिले डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों से सौरभ शर्मा और उनके साथियों की अवैध संपत्तियों का पूरा ब्यौरा मिलने की संभावना है। इन दस्तावेजों से संपत्ति अर्जन के स्रोतों और लेन-देन की पूरी जानकारी सामने आ सकती है। ईडी की यह कार्रवाई सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। यह मामला भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जन से जुड़ा है। एजेंसियां लगातार सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी का पता लगाने में जुटी हुई हैं। उनके दुबई या दिल्ली में होने की अटकलों के बीच ईडी ने उनके रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई सुराग जुटाए हैं। इस मामले में आगे और खुलासे होने की उम्मीद है।छापेमारी में बरामद संपत्तियों और दस्तावेजों से इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं। हालांकि, सौरभ और उनकी पत्नी का लापता होना जांच एजेंसियों के लिए एक चुनौती बना हुआ है।