सांवलिया सेठ के खजाने में हुई नोटों की बारिश – करोड़ों का चढ़ावा गिनने के लिए लगाने पड़े 80 लोग

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यहां हर बार खुलने वाले दान भंडार से करोड़ों की राशि निकलना भी चौंकाता है। गुरुवार को जब मंदिर का भंडार खोला गया, तो उसमें निकली दान राशि ने एक बार फिर भक्तों की भक्ति और श्रद्धा की गहराई को दर्शा दिया।
पहले चरण की गिनती में चौंकाने वाला आंकड़ा
मंदिर प्रशासन के अनुसार, पहले चरण में ₹7 करोड़ 70 लाख 41 हजार रुपए की गिनती हुई है। बाकी दान की गणना 6 जुलाई को की जाएगी क्योंकि अमावस्या के दिन यानी शुक्रवार को गिनती स्थगित रखी गई है। यह पूरी प्रक्रिया राजभोग आरती के बाद मंदिर मंडल के सीईओ राकेश कुमार और अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर की निगरानी में संपन्न हुई।
मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व
श्री सांवलिया जी का यह मंदिर मंडफिया गांव में स्थित है और लगभग 450 वर्ष पुराना है। मेवाड़ के शाही परिवार द्वारा बनवाए गए इस मंदिर को कृष्णधाम के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां विराजित सांवलिया जी वही हैं, जिनकी भक्ति मीरा बाई ने अपने जीवन भर की थी। यह पावन स्थल चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी और उदयपुर डबोक एयरपोर्ट से 65 किमी की दूरी पर स्थित है।
हर माह खुलता है दान भंडारा
श्री सांवलिया जी का दान भंडार हर माह अमावस्या से एक दिन पहले, यानी चतुर्दशी को खोला जाता है। इसके बाद अमावस्या के दिन विशाल मेला आयोजित होता है। वहीं, दीपावली और होली के समय यह भंडार दो महीने और डेढ़ महीने के अंतराल पर खोला जाता है।
लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा
इस मंदिर की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि हर साल करीब 1 करोड़ श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, हर महीने लगभग साढ़े 8 से 9 लाख लोग यहां अपनी आस्था प्रकट करने पहुंचते हैं। मंदिर में भक्तों की यह भीड़ इस बात का प्रमाण है कि सांवरा सेठ पर लोगों की आस्था कितनी गहरी है।