चौंकाने वाला मामला: एक महिला, जुड़वां संतानें और दो पिता – डॉक्टर ने बताई असल वजह

नई दिल्ली – पुर्तगाल में एक 19 वर्षीय युवती ने एक साथ दो बच्चों को जन्म दिया, लेकिन इस खबर ने तब सभी को हैरान कर दिया जब यह पता चला कि इन जुड़वा बच्चों के पिता अलग-अलग पुरुष हैं। यह मामला सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक था कि एक ही समय पर जन्मे जुड़वां बच्चों के दो अलग-अलग पिता आखिर कैसे हो सकते हैं।
इस असाधारण घटना को लेकर जब दिल्ली के एक नामचीन निजी अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. मनन गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने इस पूरी परिस्थिति को मेडिकल टर्म “हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन” के रूप में समझाया।
डॉक्टर ने किया खुलासा – जुड़वा और दो पिता कैसे संभव?
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि यह घटना असामान्य जरूर है लेकिन दुर्लभ नहीं। दुनिया भर में ऐसे कुछ मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। उदाहरण के लिए अमेरिका में एक महिला के जुड़वां बच्चों में एक बच्चा गोरा था और दूसरा सांवला – और डीएनए परीक्षण में साबित हुआ कि दोनों के जैविक पिता अलग हैं।
उन्होंने बताया कि यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब महिला के मासिक चक्र के दौरान दो अंडाणु (eggs) एक साथ रिलीज हो जाते हैं। यदि उसी समय अंतराल में महिला के दो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनते हैं, तो दोनों अंडे अलग-अलग शुक्राणु से निषेचित हो सकते हैं। इस तरह एक महिला दो अलग पुरुषों के बच्चों को गर्भ में एक साथ धारण कर सकती है।
दिल्ली में भी मिला था ऐसा केस
डॉ. गुप्ता ने साझा किया कि उनके अस्पताल में दो महीने पहले एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया और बाद में जांच में यह बात सामने आई कि दोनों बच्चों के पिता अलग-अलग हैं। पहली अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में केवल एक भ्रूण दिखा था, लेकिन कुछ समय बाद दूसरी रिपोर्ट में दो भ्रूण दिखाई दिए। गहन जांच के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हुई।
कैसे होता है पता कि पिता अलग हैं?
इस स्थिति की पुष्टि के लिए डॉक्टर तीन तरह की जांचें करते हैं:
डीएनए टेस्ट: शक होने पर माता-पिता या परिवार की ओर से करवाया जाता है।
एम्नियोटिक फ्लूइड एनालिसिस: गर्भस्थ शिशु के चारों ओर के तरल पदार्थ की जांच करके यह पता लगाया जाता है।
अल्ट्रासाउंड में भ्रूण संख्या बदलना: जब पहले एक भ्रूण नजर आए और बाद में दूसरा भी दिखने लगे तो संदेह के आधार पर जांच की जाती है।
क्या प्रसव में होती है कोई दिक्कत?
डॉ. मनन बताते हैं कि इस स्थिति में प्रसव सामान्य तरीके से हो सकता है, बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन यह जरूर ध्यान देने की बात है कि यदि किसी महिला के एक से अधिक यौन साथी हैं, तो एचआईवी, हेपेटाइटिस और अन्य संक्रमणों का खतरा अधिक हो जाता है। इसलिए इस प्रकार की स्थिति में मां और बच्चों दोनों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य हो जाती है।
यह केस एक बार फिर यह दिखाता है कि विज्ञान और प्रकृति के नियम कई बार बेहद असामान्य परिणाम ला सकते हैं, जिन्हें समझने के लिए मेडिकल साइंस और समाज दोनों को जागरूक होना जरूरी है।