एक्टर ही नहीं क्रिकेट खिलाड़ी भी हो चुके हैं डीपफेक का शिकार, कैसे पहचाने असली और नकली

Update: 2024-01-24 06:20 GMT

इस समय डीपफेक का खबर काफी चर्चा में चल रही है जिसके शिकार बॉलीवुड और साउथ एक्टर एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि क्रिकेटर भी हो रहे हैं। आपको बताते कि सचिन तेंदुलकर भी अपने वायरल वीडियो को लेकर निराशाजनक बता रहे हैं क्योंकि वह डीप फेक टेक्नोलॉजी का शिकार हो चुके हैं। इतना ही नहीं यह मामला कोई डीपफेंक नहीं है इससे पहले भी रश्मिका मंडाना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कि वह भी डीप फेक वीडियो का शिकार हुई थी। इस समय यह मामला काफी ज्यादा चर्चा में है आए दिन एक्टर और क्रिकेटर के वीडियो वायरल हो रहे हैं वहीं पुलिस ने भी इस पर एक्शन लिया है और आरोपियों का पता लगाया जा रहा है।

सचिन तेंदुलकर हुए डिपफेक का शिकार

आपको बता दे कि इस समय खबर कुछ ऐसी आ रही है जिसमें कि सचिन तेंदुलकर को भी डीप फेक टेक्नोलॉजी का शिकार बनाया गया है। इतना ही नहीं सचिन तेंदुलकर का एक वीडियो सामने आया है जिसके बाद उन्होंने इस वीडियो को शेयर किया और इसे निराशाजनक भी बताया है कि यह वीडियो बिल्कुल फेक है और लोगों को धोखा देने के लिए तैयार किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी का अगर इस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है तो यह बेहद ही निराशाजनक है यह वीडियो एक गेम को प्रमोट कर रहा था। इतना ही नहीं यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें ऐसी खबर चली हो इससे पहले भी रश्मिका मंडाना की डीप फेक की वीडियो वायरल हो चुकी है। इसके बाद से ही यह मामला काफी चर्चा में चल रहा है और पुलिस भी इस संबंध में लोगों को गिरफ्तार कर रही है लेकिन अब बात यहां आती है कि इस तरह के वीडियो में असली नकली कैसे पहचाना जाए ?

कैसे पहचाने असली नकली वीडियो

अगर आप किसी भी तरह का आपत्तिजनक वीडियो देखते हैं तो सबसे पहले आपको फैसियल एक्सप्रेशन पर ध्यान देना चाहिए दरअसल डीप फेक का वीडियो इसमें काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। ऐसे में आपको असली और नकली का फर्क पहचान के लिए बताया जा रहा है अगर आपको कोई व्यक्ति वायरल वीडियो में दिख रहा है तो सबसे पहले आप गाल और फोरहेड की ओर ध्यान दीजिए वीडियो को पहचानने के लिए जरूरी है कि आप व्यक्ति के आंखों पर भी ध्यान दें। अगर आप इन डीप फेक वीडियो में देखेंगे तो आंखों की पलकें नहीं झपकती या फिर तेजी से झपकती हुई नजर आती हैं अगर यह नॉर्मल इंसान की तरह नहीं है तो पलके नहीं झपकेंगी। कई वीडियो को पकड़ने के लिए लिप्सिंग का इस्तेमाल किया जाता है इसके लिए वीडियो को स्लो स्पीड में करके प्ले करें और होंठ को बारीकी से देखें तो पता चलेगा कि ऑडियो से मिल नहीं खा रहा है।

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