दुर्ग में मोक्षित कॉर्पोरेशन पर ईडी का बड़ा एक्शन, मेडिकल सप्लाई घोटाले में 500 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग जांच

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस बार ईडी की टीम ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के तीन आवासीय परिसरों और कार्यालय पर छापा मारा। इस जांच अभियान में करीब दो दर्जन अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। सुरक्षा के लिहाज से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी मौके पर तैनात रहे।
500 करोड़ की मेडिकल सप्लाई में फर्जीवाड़ा, जांच की आंच बढ़ी
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने राज्य में मेडिकल उपकरणों और दवाओं की आपूर्ति में हुए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में सरकारी अधिकारियों, मेडिकल सप्लायरों, एजेंटों और कुछ कथित बिचौलियों से जुड़े ठिकानों पर की गई।
ईडी की छापेमारी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर की जा रही है। यह वही घोटाला है जिस पर करीब छह माह पहले EOW और ACB ने भी संयुक्त रूप से कार्रवाई की थी।
मोक्षित कॉर्पोरेशन पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, मोक्षित कॉर्पोरेशन का नाम प्रमुख रूप से सामने आया, जिसके बाद यह फर्म केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आ गई। सोमवार सुबह अचानक इतने सारे वाहन और अधिकारी एक साथ क्षेत्र में पहुंचे, जिससे स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मच गया।
करीब एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में सवार होकर आई ईडी टीम ने जैसे ही पहुंचकर परिसर में एंट्री ली, कार्रवाई शुरू हो गई। आस-पास के लोगों को पहले समझ ही नहीं आया कि मामला क्या है, लेकिन जैसे ही ईडी की रेड की खबर फैली, मौके पर भीड़ जुटने लगी।
कार्रवाई में क्या मिला – अभी तक जानकारी गोपनीय
अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि छापेमारी के दौरान क्या-क्या बरामद हुआ है। संभावना है कि जब कार्रवाई पूरी हो जाएगी, तब एजेंसियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।
विधानसभा में उठाया गया था घोटाले का मामला
सूत्रों की मानें तो इस घोटाले का मुद्दा विधानसभा सत्र में बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारी दवाई की खरीद में न मांग थी और न ही ज़रूरत, इसके बावजूद बड़े पैमाने पर सप्लाई कराई गई। अब इसी जांच को लेकर एसीबी, ईओडब्ल्यू और ईडी तीनों एजेंसियां गंभीरता से काम कर रही हैं।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि 27 जनवरी 2025 को भी मोक्षित कॉर्पोरेशन और उससे जुड़े शांति लाल व शशांक चोपड़ा के घर और कार्यालयों पर ACB और EOW की संयुक्त रेड हुई थी। उस वक्त भी दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई थी। आरोप था कि 2023 में मेडिकल उपकरणों और अभिकर्मकों की खरीद में भारी अनियमितताएं की गई थीं, जिससे राज्य सरकार को लगभग 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
क्या हैं गंभीर आरोप?
बताया जा रहा है कि इस मामले में स्वास्थ्य केंद्रों की वास्तविक जरूरतों की जांच किए बिना ही बड़े पैमाने पर उपकरण और अभिकर्मक खरीदे गए। ACB और EOW की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि CGMSCL ने मोक्षित कॉर्पोरेशन और उससे जुड़ी एक कथित फर्जी कंपनी के साथ मिलकर जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच अरबों रुपये की खरीदी की।