इस गांव में बिना कपड़ों के घूमती है महिलाएं, पुरुष की मुस्कान पर है कड़ी पाबंदी और नियम

Update: 2024-01-20 07:01 GMT

आपको बता दे कि हमारे देश और दुनिया में बहुत ही अजीबोगरीब परंपराएं हैं जिन्हें कुछ लोग आज भी मानते हैं तो कुछ लोग मानने से इतना करते हैं। आज भी ऐसे गांव है जहां पर इन अजीबोगरीब परंपराओं को माना जाता है जो की हैरान कर देती हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जहां पर महिलाओं को कपड़े पहनने की इजाजत नहीं होती है यहां पर महिलाएं बिना कपड़ों के घूमती हैं। साथ ही हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस तरह महिलाओं को देखने के बाद भी पुरुषों के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। इस परंपरा को लेकर चर्चा और बहस के साथ आलोचना भी तेज हो गई है शादी से पहले लड़के या लड़की की पेड़ से कहीं भाई से तो कहीं मां से शादी की रस्मों को चर्चा में देखा गया है। सामान्य जीवन में महिलाएं और पुरुष की शादी की परंपराएं देखी गई है लेकिन भारत के गांव में महिलाओं और पुरुष के लिए अजीबोगरीब परंपरा बनाई गई है।

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5 दिन महिलाएं नहीं पहनती कपड़े

आज हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी की जहां के पीनी गांव में सदियों पुरानी परंपरा निभाई जाती है, यहां पर आज भी महिलाएं कपड़े नहीं पहनती इस गांव में पुरुषों के लिए एक सख्त परंपरा है जिसका पालन करना बहुत जरूरी होता है। परंपरा के अनुसार देखा जाए तो यहां पर साल में 5 दिन ऐसे होते हैं जब महिलाएं कपड़ा नहीं पहनती हैं वहीं पुरुषों की बात करें तो इन 5 दिनों में शराब की डिमांड नहीं कर सकते हैं। पीनी गांव में इसका बड़ा ही रोचक इतिहास भी है ज्यादातर महिलाएं 5 दिनों में घर से बाहर नहीं निकलती है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो अपनी मर्जी से परंपरा का पालन करती हैं। इस गांव की महिलाएं हर साल सावन के महीने में 5 दिन कपड़े नहीं पहनती है यह भी कहा जाता है कि जो महिला इस परंपरा का पालन नहीं करती है उन्हें दिन में कुछ बुरी खबर सुनने को मिलती है इस दौरान पति-पत्नी एक दूसरे से बात भी नहीं करते हैं और एक दूसरे से बिल्कुल दूर रहते हैं।


पुरुषों के लिए क्या है सख्त नियम

आपको बता दे कि इस गांव की परंपरा पुरुषों के लिए भी सख्त मानी गई है क्योंकि उनके लिए नियम बनाए गए हैं सावन के महीने में पुरुष 5 दिनों में शराब और मांस का सेवन नहीं करते हैं इसके पीछे यह कहा गया है कि मनुष्य परंपरा का ठीक से पालन नहीं करता है तो देवता नाराज हो जाते हैं अगर इस परंपरा के पीछे कहानी देखी जाए तो पीनी गांव में राक्षसों का काफी आतंक था इस गांव में लहुआ गंद नामक एक देवता आए और उन्होंने रक्षा को मार दिया और इस तरह गांव को बचाए ऐसे में कहा जाता है की रक्षा गांव की विवाहित महिलाओं को सुंदर और सुंदर कपड़े पहनाकर उठा ले जाते हैं। देवताओं ने दैत्य का वध कर स्त्रियों को बचा लिया था इसलिए दैत्यों के बीच पांच दिनों तक महिलाओं के वस्त्र न पहनने की परंपरा बनाई गई है यह भी माना जाता है कि अगर महिलाएं कपड़ों में खूबसूरत दिखती है तो आज भी राक्षस ने उठा कर ले जाते हैं।

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